और ना ही उसने किसी गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया है। बावजूद इसके सप्पू कुर्रे को शाम लगभग सात पेश किया गया। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट का कोर्ट में इसी तरह के धाराओं के तहत अन्य आरोपियों के वकील भी पेश हुए। सभी को मजिस्ट्रेट का लम्बा इंतजार करना पड़ा। मेरे समेत सभी वकीलों ने अपने अपने मुवक्किल का निजी मुचलका कौशिक के सामने पेश किया। काफी इंतजार के बाद हमने कहा कि यदि साहब नहीं आ रहे हैं तो मुवक्किल को किसी दूसरे कोर्ट में पेश किया जाए। कौशिक ने कहा कि दूसरे कोर्ट में नहीं पेश करेंगे। इसके बाद उन्होने बताया कि फाइल लेकर साहब के घर फाइलों पर हस्ताक्षर करवाने जा रहे हैं।
हम सभी ने इसका विरोध किया। बताया कि अनुपस्थिति में और बिना कुछ जानकारी के प्रक्रिया का पालन नियम के खिलाफ है। ऐसा किया जाना गलत भई है। बावजूद इसके हमारी बातों को नहीं सुना गया। रात्रि लगभग 8 बजे बाबू साहब के घर से फाइल वापस लाया। उन्होने बिना दलील सुने सभी के दलील को खारिज कर दिया। प्रियंका ने बताया कि हमने आज वकील साथियों के साथ जिला दण्डाधिकारी से निवेदन किया है कि इस प्रकार की गतिविधियां पीड़ा देने वाली है। सिटी मजिस्ट्रेट में इस प्रकार की गतिविधियों को तत्काल रोका जाए। उचित कार्रवाई भी करें।