एटीआर में जंगल सफारी के दौरान दिखा टाइगर, पर्यटकों का दिल हुआ बाग बाग - Chhattisgarh

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एटीआर में जंगल सफारी के दौरान दिखा टाइगर, पर्यटकों का दिल हुआ बाग बाग


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल सफारी में पर्यटकों को एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब उनके वाहन के पास एक बाघ अचानक दिखाई दिया। यह घटना जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव बन गई, और उन्होंने बाघ को अपनी आंखों के सामने देख कर इस दुर्लभ दृश्य को कैमरे में कैद किया।घटना सुबह करीब 7.30 बजे की है, जब रिजर्व के प्रमुख सफारी मार्ग पर पर्यटक सफारी का आनंद ले रहे थे। अचानक, सफारी वाहन के पास बाघ दिखाई दिया, जो शांतिपूर्वक जंगल में चलता हुआ नजर आया। बाघ की उपस्थिति ने सभी पर्यटकों को हैरान कर दिया, और वे सब शांतिपूर्वक अपनी जगह पर बैठे रहे ताकि बाघ को डर न लगे।

टाइगर रिजर्व के जंगलों में बाघों की संख्या में हाल के वर्षों में इज़ाफा हुआ है, जिससे पर्यटकों को इस प्रकार के अद्वितीय और रोमांचक अनुभवों का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्व में सफारी का आनंद लेने आए पर्यटकों का कहना था कि बाघ को देख पाना उनके लिए जीवन का सबसे अविस्मरणीय क्षण था। वे इसे अपने जीवन की सबसे शानदार अनुभवों में से एक मानते हैं।

अचानक मार टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के चलते बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। रिजर्व में बाघों की संख्या करीब 50 तक पहुंच चुकी है, जो वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण से एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य बाघों की प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना और जंगलों में उनके जीवन को बनाए रखना है।


रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि बाघों की सुरक्षा के लिए निगरानी और सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं। इसके अलावा, स्थानीय समुदायों को भी वन्यजीवों के प्रति जागरूक किया जा रहा है ताकि वे इस प्राकृतिक धरोहर की रक्षा में मदद कर सकें।

इस घटना ने साबित कर दिया कि मां टाइगर रिजर्व केवल बाघों के लिए ही नहीं, बल्कि वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी एक प्रमुख पर्यटक स्थल बन चुका है। आने वाले महीनों में भी सफारी के दौरान ऐसे रोमांचक दृश्य देखने की संभावना है। अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रभारी अधिकारी यूआर गणेश ने बाघ दिखने की पुष्टि की है।

छत्तीसगढ़ में टाइगर्स की संख्या

छत्तीसगढ़ राज्य में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 2022 में हुई बाघों की गणना के अनुसार, राज्य में बाघों की संख्या 76 के करीब पाई गई थी। यह संख्या वन्यजीव संरक्षण प्रयासों और बाघों के संरक्षण के लिए किए गए कार्यों की सफलता को दर्शाती है।

राज्य के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में कन्हा टाइगर रिजर्व, बस्तर टाइगर रिजर्व, कैल्हांडी रिजर्व, और मां टाइगर रिजर्व शामिल हैं, जहां बाघों की अधिकतम संख्या पाई जाती है। छत्तीसगढ़ में बाघों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जैसे कि बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा, जलवायु परिवर्तन और मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए योजनाएं लागू करना, और बाघों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीकी उपायों का उपयोग।

इसके अलावा, बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए स्थानीय समुदायों को भी वन्यजीव संरक्षण की ओर जागरूक किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ अब एक प्रमुख बाघ संरक्षण स्थल के रूप में उभर रहा है, जहां बाघों का संरक्षण राज्य की प्राथमिकता है।

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