मल्टीलेवल पार्किंग में अवैध चार्जिंग पाइंट, ठेकेदार सरकार को लगा रहा लाखों का चूना - Chhattisgarh

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मल्टीलेवल पार्किंग में अवैध चार्जिंग पाइंट, ठेकेदार सरकार को लगा रहा लाखों का चूना


अवैध कारोबारियों का एशगाह, सरकारी बिजली का दुरूपयोग

रायपुर। पुलिस प्रशासन और निगम अधिकारियों ने मल्टी लेवल पार्किंगों की नियमित चेकिंग पर ध्यान नहीं दिया इसी उदासीनता के कारण यह अवैध कारोबार के अड्डे का रूप में तब्दील हो गया है। जय स्तंभ के पास पुराना बस स्टैंड पर बने पहले मल्टी लेवल पार्किंग में गत दिनों युवती से गैंगरेप का कांड हो चुका है। अपराधी इतने शातिर है कि उसी मल्टीलेवल पार्किंग में सीएसपी की कार्यालय होने के बाद भी गैंगरेप को अंजाम दिया। इतना ही नहीं दूसरे दिन भी उस युवती को पकड़ कर आरोपियों ने दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। लेकिन पीडि़ता ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत जुटाई और नामजद रिपोर्ट लिखाई तब जाकर पुलिस ने कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार किया। ताजा मामला कलेक्टोरेट में बने मल्टी लेवल पार्किंग भी अवैध कारोबार का अड्डा बन चुका है। इस पार्किंग के कर्ताधर्ता सरकारी सुविधा का बेखौफ दुरुपयोग कर रहे है। राजधानी की जितना भी इलेक्ट्रानिक्स कारें है यही पर चार्जिंग होने आती है। यह चार्जिंग पाइंट पूरी तरह अवैध है, इस कार्य के लिए सरकार से न तो अनुमति ली है और न ही लाइसेंस दिया गया है। मल्टी लेवल पार्किंग में शहर के सारे गंजेडिय़ों का अड्डा बना हुआ है। यही से ओडिसा के तस्कर गांजा लाकर डंप करते है। फिर यहीं से पूरे शहर में सप्लाई होता है।


सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि शाम होते ही लवर्स जोड़ों को आश्रय देकर मोटी रकम ली जाती है। यह मल्टीलेवल पार्किंग पूरी तरह अवैध कारोबार में संलिप्त है। यहां कारों को पार्किंग करने की जगह लवर्स जोड़ों को पार्किंग के लिए जगह दिया जाता है। कलेक्टोरेट के सामने बहुमंजिले इस मल्टी लेवल पार्किंग के ऊपर बीपीओ का कार्यालय संचालित हो रहा है। लोगों का दिन भर आना जाना लगा रहता है उसके बाद भी यहां खुले आम इलेक्ट्रानिक्स कारों की चार्जिंग हो रही है, जिस पर यहां कार पार्क करने वाले अधिकारी भी नजरअंदाज कर निकल जाते है। जानकार सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि इस बहुमंजिले मल्टी लेवल पार्किंग में अवैध काम अधिकारियों के सांठगांठ से ही चल रहा है, नहीं तो इस तरह के दुस्साहस पार्किंग का ठेका लेने वाला टेकादार नहीं कर सकता है। न ही उसके गुर्गे इतनी हिम्मत कर सकते है। इसमें नीचे से ऊपर लेवल तक मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता

इस मामले से जिला प्रशासन और निगम के अफसर अनजान है या कुछ और?

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